A script of horror podcast in hindi
[INTRO MUSIC: ओमिनस, धीरे-धीरे बढ़ता हुआ]
HOST (फुसफुसाते हुए): आपका स्वागत है "दीवारों के साये" में, जहां हम अज्ञात की परछाइयों में उतरते हैं। आज रात, हम एक भयावह कहानी की खोज करेंगे—एकांत, रहस्यों, और उन अंधी चीजों की जो हमारी कल्पना के किनारे पर रहती हैं।
[SOUND OF A CREAKING DOOR]
HOST: सोचिए: एक पुराना, जर्जर घर, एक टेढ़ी-मेढ़ी सड़क के अंत में, घने जंगलों से घिरा हुआ। यह सालों से वीरान है—इसके खिड़कियाँ टूटी हुई, और दीवारें लताओं से ढकी हुई हैं। लेकिन एक दिन, एक साहसी आत्मा इसे अपना घर बनाने का निर्णय लेती है।
[SOUND OF FOOTSTEPS ON WOODEN FLOORS]
HOST: मिलिए सारा से, एक युवा महिला जो एक बुरी टूटने के बाद अकेलेपन की तलाश में है। उसे लगा कि गांव की शांति और सुकून उसके दिल को ठीक कर देगा। लेकिन उसे यह नहीं पता था कि घर में खुद की कहानियाँ हैं।
[MUSIC SHIFT: LOW, UNEASY TONE]
HOST: पहले रात में, सारा ने एक अजीब ठंडक महसूस की। उसने इसे पुरानी हवाओं का दोष मान लिया। लेकिन जब वह बिस्तर में लेट गई, उसे एक आवाज सुनाई दी—एक फaint फुसफुसाहट, लगभग सुनाई नहीं दे रही थी।
[SOUND OF A WHISPERING VOICE, DISTORTED]
WHISPER: मदद... करो...
HOST: वह अचानक बैठ गई, उसका दिल तेजी से धड़कने लगा, यह सोचकर कि यह केवल उसकी कल्पना थी। लेकिन जैसे-जैसे दिन रात में बदलते गए, फुसफुसाहटें और भी स्पष्ट और अधिक निरंतर होती गईं।
[SOUND OF RUSTLING SHEETS, HEARTBEAT]
HOST: “मदद करो,” ये आवाजें बिन बुलाए उसके आसपास गूंजती रहीं। जवाब की तलाश में, सारा ने घर की खोजबीन शुरू की। एक ढीले फर्श के बोर्ड के पीछे, उसे एक पुराना डायरी मिला, जो पिछले निवासी—एक लड़की जिसका नाम एमिली था—की थी।
[SOUND OF PAGE TURNING]
HOST: शुरुआती प्रविष्टियाँ सामान्य लगती थीं, घर में हर दिन के जीवन का विवरण देती थीं। लेकिन जैसे-जैसे दिन बीतते गए, स्वर बदल गया। एमिली ने लिखा कि एक अंधकार उसकी सोच में घुसपैठ कर रहा है, और छायाएँ जो अपने आप चलती थीं।
[MUSIC SWELLS, THEN CUTS TO SILENCE]
HOST: अंतिम प्रविष्टि ने सारा को सिहरन दी।
[SOUND OF A DRAMATIC PAUSE]
HOST (डायरी का पाठ करते हुए): “मैं अब और सो नहीं सकती। फुसफुसाहटें और भी तेज हैं। वे मुझसे कुछ चाहती हैं। मुझे डर है कि वे मुझे ले जाएँगी।”
[SOUND OF A WIND HOWLING]
HOST: उस रात, सारा बिस्तर में लेटी हुई कांप रही थी। फुसफुसाहटें अब उग्र रोष में बदल गई थीं।
[SOUND OF A DISTORTED CRY]
CRYING VOICE: मदद! बाहर निकलो!
HOST: घबराई हुई, उसने डायरी की ओर दौड़ लगाई, पन्नों को बेताबी से पलटते हुए। वहां, उसने घर का एक चित्र पाया—कोनों में एक छायादार आकृति के चारों ओर खींची गई रेखाएँ।
[SOUND OF A DOOR SLAMMING]
HOST: जैसे ही उसने ऊपर देखा, कमरे में ठंड बढ़ गई। छायाएँ मुड़ने लगीं, ऐसी आकृतियाँ बनती गईं जिन्हें वह समझ नहीं पा रही थी।
[SOUND OF HEAVY BREATHING]
HOST: आतंक में जकड़ी, सारा ने महसूस किया कि फुसफुसाहटें उसे घेर रही हैं, घर के अंधेरे अतीत में उसे खींच रही हैं।
[MUSIC: CRESCENDO INTO CHAOS]
HOST: जब सुबह हुई, घर फिर से चुप हो गया, फुसफुसाहटें दीवारों में विलीन हो गईं, अगली अकेली आत्मा की प्रतीक्षा में जो उनके अंधेरे रहस्यों को उजागर करेगी।
[SOUND OF A DOOR CREAKING OPEN]
HOST: क्या यह सब सारा के मन की कृति थी? या उसने सच में उस अंधकार को जगाया जो छायाओं में छिपा था?
[OUTRO MUSIC: HAUNTING AND ECHOING]
HOST: "दीवारों के साये" में हमारे साथ जुड़ने के लिए धन्यवाद। अगली बार तक, याद रखें: कुछ रहस्य ऐसे होते हैं जिन्हें दफनाना बेहतर होता है।
[FADE OUT MUSIC]
आप इसे अपनी शैली में और अधिक व्यक्तिगत बना सकते हैं!
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